इस लेख में बीमारी ( disease ) विषय से सम्बन्धित सभी जानकारी मिलेगी जैसे कि – बीमारी क्या है? ( Beemaaree kya hai ) परिभाषा , प्रकार , कीटाणुओं से होने वाले बीमारी , अभाव जनित रोग , प्रमुख खनिज , बीमारियों के घरेलू उपचार आदि आगे जानते है इन सभी प्रश्नों के बारे में ” उत्तर “।
विषय सूची
बीमारी क्या है? ( What is the disease )
परिभाषा ( Definition ) — जब कोई व्यक्ति अपने आप को अस्वस्थ महससू करता है तब वह बीमार माना जाता है । बीमारियाँ कई तरह से फैलती हैं । कभी खराब भोजन खाने से , कभी गंदा पानी पीने से , कभी गंदगी की वजह से , कभी भोजन के अभाव से तो कभी जीव – जन्तुओं के काटने से ।
बीमारी के प्रकार ( Types of disease )
बीमारी दो प्रकार की होती है ;
( 1 ). जन्मजात ( Congenital )
( 2 ). उपार्जित ( Acquired )
( 1 ). जन्मजात ( Congenital )
वे बीमारियाँ होती हैं , जो किसी व्यक्ति के अन्दर जन्म से होती हैं , जैसे – हीमोफिलीया ( रक्त का थक्का नहीं जमना ) , वर्णान्धता ( लाल और हरे रंग में भेद नहीं करना ) ।
( 2 ). उपार्जित ( Acquired )
ये बीमारियाँ हमें वातावरण से मिलती हैं , जैसे – रतौंधी , पेचिश , छोटी माता , काली खाँसी आदि ।
उपार्जित बीमारियाँ पुनः दो प्रकार की होती हैं ;
( 1 ). संक्रामक ( Infectious )
( 2 ). असंक्रामक ( Non infectious )
( 1 ). संक्रामक ( Infectious )
संक्रामक रोग वे होते हैं , जो एक मनुष्य में जीवाणु , विषाणु , प्रोटोजोआ और कवकों / फफूंदों से फैलते हैं । ये हवा , पानी और भोजन के द्वारा फैलते हैं । ये रोग एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में फैल सकते हैं और नहीं भी , जैसे – मलेरिया , डेंगू , तपेदिक , हैजा , खुजली आदि ।
( 2 ). असंक्रामक ( Non infectious )
असंक्रामक रोग वह होते हैं , जो किसी अंग की खराबी से , भोजन के अभाव से , खनिज के अभाव से या फिर किसी चीज की एलर्जी से हो सकते है , जैसे – हार्ट अटैक , स्कर्वी , कैंसर आदि ।
खराब भोजन खाने से , दूषित जल से , गंदगी से या जीव जन्तुओं के काटने से हमारे शरीर में कीटाणु ( जीवाणु , विषाणु , प्रोटोजोआ , फफूंद ) चले जाते हैं , और हमें बीमार कर देते हैं ।
जीवाणु जनित रोग ( Bacterial disease )
ये रोग जीवाणुओं के द्वारा फैलते हैं । ये रोग हैं – काली खाँसी , नीमोनिया , प्लेग , तपेदिक , कोढ़ ( कुष्ठ रोग ) , घनुषटंकार ( टिटनस ) , आंत्र ज्वर ( टायफाइड ) , डिप्थीरिया और हैजा ( कॉलरा ) आदि ।
व्याख्या ( Explanation ) — प्लेग चूहों के द्वारा फैलता है । इस बीमारी को काली मौत भी कहते हैं । हैजा मक्खी , दूषित जल और खाने फैलता है । इसमें उल्टी – दस्त लग जाते हैं । आंत्र ज्वर ( मियादी बुखार ) दूषित जल और खाने से फैलता है । विडाल परीक्षण आंत्र ज्वर से सम्बन्धित है । डिप्थीरिया , काली खाँसी और टिटनस बीमारियों को दूर करने के लिए एक टीका लगाया जाता है जिसे DPT का टीका कहते हैं । तपेदिक बीमारी में हमारे फेफड़े प्रभावित होते हैं । इसी बीमारी को टीबी कहा जाता है । इस बीमारी को दूर करने के लिए BCG ( बैसिलस कालमेट गुरिन ) का टीका दिया जाता है ।
विषाणु जनित रोग ( Viral disease )
ये विषाणुओं से फैलते हैं । ये रोग हैं – पीलिया , छोटी माता , चेचक , एड्स , फ्लू , खसरा , रेबीज , गलसुआ , डेंगू , पोलियो , चिकनगुनिया आदि ।
व्याख्या ( Explanation ) — एलिसा परीक्षण एड्स से सम्बन्धित है । पीलिया दूषित जल से फैलता है । इसमें हमारा शरीर पीला पड़ जाता है । पोलियो भी दूषित जल और भोजन से फैलता है । रेबीज जानवरों , जैसे – कुत्ता , घोड़ा , बन्दर आदि के काटने से होता है । डेंगू और चिकनगुनिया एडिज मच्छर के काटने से होता है । गलसुआ ( कनपेड़ ) में कानों के नीचे सूजन आ जाती है । भारत से चेचक और पोलियो नामक बीमारियाँ दूर हो गई हैं ।
Note — पोलियो को पूर्ण रूप से खत्म करने के लिए भारत सरकार ने पल्स पोलियो कार्यक्रम की शुरूआत 1995 में की थी । उल्लेखनीय है कि , ये कार्यक्रम अब भी संचालित है और इसके अंतर्गत 0-5 वर्ष की आयु के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाती है । |
प्रोटोजोआ जनित रोग ( Protozoan disease )
ये रोग प्रोटोजोआओं से फैलते हैं । ये रोग हैं – पेचिश ( डायरिया ) , मलेरिया , पायरिया आदि ।
व्याख्या ( Explanation ) — पेचिस मक्खियों द्वारा फैलता है । इसमें पतले दस्ते होती है और उसके साथ खून आता है । पायरिया दाँतों की बीमारी है । मलेरिया मादा एनोफिलिज़ मच्छर से फैलती है । इस का प्रोटोजोआ प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम है । इसमें कंपकंपी के साथ बुखार आता है । इसकी दवाई कुनैन , सीनकोना नाम के पेड़ की छाल बनती है । मच्छरों को दूर करने के लिए तालाबों में मछलियाँ पाली जाती हैं । रोनाल्ड रॉस ने यह खोजा था कि मलेरिया मच्छरों से फैलता है । मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए ठहरे पानी पर तेल डाला जाता है ।
फफूंद ( कवक ) जनित रोग ( Fungal disease )
ये फफूंद से फैलते हैं । ये रोग हैं – दाद , खाज , अस्थमा । अस्थमा साँस की बीमारी है ।
अभाव जनित रोग ( Deficiency disease )
व्याख्या ( Explanation ) — ये रोग भोजन की कमी के कारण होते हैं । ये किसी पोषक तत्व या खनिज की कमी से होते हैं । इन रोगों को दूर करने के लिए हमें उन चीजों का सेवन करना भोजन चाहिए , जिनकी कमी के कारण ये रोग हुए हैं । ऐसा नहीं है कि हमें बाकी पोषक तत्वों का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए । अगर हमें इन अभावजन्य रोगों से दूर रहना है तो हमें हमेशा संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए ।
प्रोटीन और ऊर्जा ( कार्बोहाइड्रेट और वसा ) : की कमी से बच्चों में क्वाशियोरकर और मरास्मस रोग हो जाता है । इन रोगों में बच्चों की वृद्धि और विकास रुक जाता है । प्रोटीन की कमी से त्वचा रोग हो सकता है , पेचिश भी हो सकती है , बालों का रंग भी उड़ सकता है और चेहरे पर सूजन भी आ जाती है । ध्यान रहे, अगर हम सिर्फ कार्बोहाइड्रेट और वसा खाते हैं तो हमें मोटापे की बीमारी हो सकती है ।
ज्यादातर अभावजन्य रोग विटामिन की कमी से होते हैं । विटामिन 6 प्रकार के होते हैं- A , B , C , D , E , K आदि ।
- विटामिन B और C पानी में घुल जाते हैं , इसलिए इन्हें जल घुलनशील विटामिन कहते
- विटामिन K , E , D और A पानी में नहीं घुलते हैं , इसलिए इन्हे अघुलनशील विटामिन कहते हैं ।
Note — विटामिन D और K का संश्लेषण हमारे शरीर में होता है । |
Table chart में —
विटामिन | रोग | लक्षण | स्रोत |
विटामिन B | रतौंधी | कम रोगी में दिखाई नहीं देता है । | दूध , अंडा , मछली , पपीता , आवला , हरी पत्तेदार सब्जियां आदि । |
विटामिन B1 | बेरी बेरी | थकावट हो जाना , मांसपेशियाँ कमजोर हो जाना | यकृत , संतरा , अंडा , खमीर , मूंगफली , बिना पॉलिस की डालें |
विटामिन C | स्कर्वी | मसूणों से खन आना , जोड़ों और मानस्पेसियों दर्द होना , घाव ठीक हपने में समय लगना आदि । | खट्टे रसदार फल जैसे – संतरा , नींबू , मौसमी हरी मिर्च , अमर्द आवल आदि । |
विटामिन D | • रिकेट्स ( बच्चों में )
• आस्टोमेलेशिया ( बड़ों में ) |
• हड्डियां कमजोर हो जाती है ।
• हड्डियां कमजोर हो जाती है । |
सूरज की रोशनी मछली का तेल , दूध , अंडा आदि । |
विटामिन K | रक्त का थक्का नहीं जमना | कटने के बाद खून जल्दी से नहीं रुकता है । | अंकुरित अनाज , गोभी , ब्रोकली , पालक , बंदगोभी आदि । |
अभाव जन्य रोग खनिजों ( Minerals ) की कमी से भी होते हैं । ये खनिज हमें बहुत थोड़ी मात्रा में चाहिए होते हैं । परन्तु खनिज अच्छे स्वास्थ्य एवं उचित विकास के लिए आवश्यक होते हैं ।
कुछ प्रमुख खनिज ( Some major minerals )
कुछ प्रमुख खनिज निम्नलिखित है ;
लौह ( Iron )
लौह की कमी से खून में हीमोग्लोबिन की कमी ( एनीमीया ) हो जाती है । हमारे शरीर में सामान्य हीमोग्लोबिन की मात्रा 12-15 gm / dl होती है । एनीमीया को दूर करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियाँ , पालक , आँवला , गुड़ , वे फल और सब्जी जो कटने के बाद काले पड़ने लगते हैं सेब , केला , आलू , खाना चाहिए ।
आयोडीन ( Iodine )
आयोडीन की कमी से घेघा ( गला फूल जाना ) रोग होता है । आयोडीन हमें मुख्य रूप से समुद्री जीव – जन्तुओं से मिलता है । आजकल आयोडीन नमक के साथ मिला हुआ आता है ।
कैल्शियम ( Calcium )
कैल्शियम की कमी से हमारी हड्डियाँ और दाँत कमजोर हो जाते हैं । हमें कैल्शियम दूध , अण्डा , सेब , हरी पत्तेदार सब्जियाँ आदि से मिलता है ।
फॉस्फोरस ( Phosphorus )
ये भी हमारी हड्डियों और दाँतों के लिए जरूरी होता है । और यह हमें दूध , केला , हरी मिर्च आदि से मिलता है ।
Note — हमें भोजन पकाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे कि हमारे भोजन में से विटामिन और खनिज तत्व नष्ट न हो और हमारा भोजन संतुलित रहे । |
- सब्जियाँ काटने के बाद नहीं धोनी चाहिए , बल्कि उन्हें काटने से पहले धोना चाहिए । जिससे कि जल में घुलनशील पोषक तत्व बर्बाद न हों ।
- दाल, चावल को ज्यादा नहीं धोना चाहिए ।
- खाने को ज्यादा देर तक पकाना नहीं चाहिए और हमेशा खाना ढककर ही पकाना चाहिए ।
- खाना पकाते समय उसमें ज्यादा पानी नहीं डालना चाहिए ।
बीमारियों के घरेलू उपचार ( Home remedies for diseases )
कुछ बीमारियों के घरेलू उपचार निम्लिखित है ;
रोग | उपचार |
दाँत दर्द | हींग का चूर्ण , लौंग का तेल |
पेट दर्द | हींग , अजवाइन |
बदहजमी | सौंफ |
घाव | हल्दी का लेप |
आम बुखार | मेथी की चाय |
गला खराब | अदरक और गुड़ |
आँख की सूजन | धनिये के बीज |
मोच | हल्दी और चूने का लेप |
आँखों में जलन | खीरा , चायपत्ती की पट्टी |
तो दोस्तों , आशा करता हूँ की इस लेख में दी गयी सभी जानकारी जैसे की — बीमारी क्या है? ( Beemaaree kya hai ) परिभाषा , प्रकार , कीटाणुओं से होने वाले बीमारी , अभाव जनित रोग , प्रमुख खनिज , बीमारियों के घरेलू उपचार आदि प्रश्नों का उत्तर आपको अच्छे से समझ आ गया होगा । और यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है । तो हमें कमेंट्स करके जरुर बतायें हमें आपकी मदद करने में बहुत ख़ुशी होगी । [ धन्यवाद्…]
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