इस लेख में विभिन्न जगत् प्रणालियाँ ( Different kingdom systems ) विषय से सम्बन्धित सभी जानकारी मिलेगी जैसे कि – विभिन्न जगत् प्रणालियाँ ( Vibhinn jagat pranaaliyaan ) आदि । तो चलिए आगे जानते है इन सभी प्रश्नों के बारे में ” उत्तर “।
वर्गीकरण की विभिन्न जगत् प्रणालियाँ ( Classification — Different Kingdom Systems )
प्रारम्भ में दो जगत् वर्गीकरण प्रणाली ( Two kingdom system ) विकसित हुई । मनुष्य ने शुरूआत में दो प्रकार के जीवों की पहचान की जिन्हें जन्तु और पादप कहा । इस जन्तु और पादप को लिनियस ( Linnaeus ) ने निम्न लक्षणों के आधार पर बाँटा ।
( 1 ). केवल पादप कोशिकाओं में पर्णहरिम ( chlorophyll ) की उपस्थिति ।
( 2 ). केवल पादपों की कोशिकाओं के चारों ओर सेलुलोस की बनी दृढ़ कोशिका – भित्ति ( cell wall ) की उपस्थिति ।
( 3 ). केवल जन्तुओं में गमन ( locomotion ) एवं संवेदनशीलता ( sensitivity ) का विकास ।
जीवों की यह दो जगत् वर्गीकरण प्रणाली बड़े स्थूलकाय ( macroscopic ) जीवों के लिए तो ठीक है , लेंकिन सूक्ष्मकाय ( microscopic ) और अधिकतर एककोशिकीय जीवों जैसे जीवाणु , नीले – हरे शैवाल एवं प्रोटोजोआ और पर्णहरिमरहित , लेकिन फिर भी पादप ( पौधे ) समान कवकों ( fungi ) को इस प्रणाली में सम्मिलित करने में वैज्ञानिक शुरू से ही हिचकिचाते रहे हैं । इस प्रणाली में प्रोटोजोआ को ” जन्तु – जगत् “ में और जीवाणुओं , नीले – हरे शैवालों तथा कवकों को ” पादप – जगत् “ में सम्मिलित किया जाता रहा है ।
जीवाणु और नीले – हरे शैवाल ऐसे एककोशिकीय जीव होते हैं । जिनमें आनुवंशिक पदार्थ तो होता है , लेकिन इस पदार्थ को कोशिकियद्रव्य ( cytoplasm ) से अलग रखने के लिए केन्द्रक ( nucleus ) नहीं होता । इन्हें इसीलिए केन्द्रकविहीन यानि पूर्वकेन्द्रकीय या प्रोकैरियोटिक कोशिकाएँ कहते हैं । पिछली सदी ( 20th century ) के मध्य से सूक्ष्मजीवों के बारे में हमारे ज्ञान में अभूतपूर्व वृद्धि हुई । और तभी से आधुनिक वैज्ञानिको नें दो जगत् वर्गीकरण प्रणाली को बदलने पर विचार करते आ रहे हैं ।
जे ० हॉग तथा अर्नस्ट हेकल ( J. Hogg and Emst Haeckel . 1860 ) ने तीन जगत् प्रणाली ( three kingdom system ) में सभी एककोशिकीय जीवों के लिए प्रोटोक्टिस्टा जगत् और बहुकोशिकीय पादपों के लिए पादप – जगत् या मेटाफाइटा तथा बहुकोशिकीय जन्तुओं के लिए जन्तु – जगत् या मेटाजोआ का विचार सामने रखा । और इसके बाद चार जगत् प्रणाली ( four kingdom system ) का विचार प्रेषित हुआ । इस प्रणाली में प्रोटोक्टिस्टा के जगह पर मोनेरा और प्रोटिस्टा जगतों को मान्यता दी गई ।
हर्बर्ट एफ ० कॉपलैन्ड ( Herben . E. Copeland , 1938 ) । अन्त में , कवकों को भी , पादपों से अलग करके कवक – जगत् में रखा गया । इस प्रकार , जीवों के वर्गीकरण में हीटेकर ( Whittaker , 1969 ) के अनुसार , अब पाँच जगत् प्रणाली ( five kingdom system ) को मान्यता दी गई है
*Carolus Linnaeus ( 1707-1778 ) a Swedish doctor . His original name was Carl von Linne , which he latinized to Carolus Linnacus . ) |
वूज़ ( Woese ) तथा केन्डलर ( Kandler ) ने सन् 1990 में जीवधारियों को छः मुख्य जगतों ( Six kingdom system ) में विभाजित किया है । इस वर्गीकरण के अनुसार , ह्वीटेकर ( Whittaker ) के प्रथम जगत् मोनेरा को दो जगतों में विभाजित किया गया है ।
वर्गीकरण के प्रकार ( Different types of classifications )
विभिन्न जगतो के वर्गीकरण की तालिका निम्नलिखित है ।
Two kingdomes ( Linnaeus ) |
Three kingdomes ( Hogg and Haeckel ) |
Four kingdomes ( Copeland ) |
Five kingdomes ( Whittacker ) |
Six kingdomes ( Woese and Kandler ) |
1. Monera Bacteria |
1. Monera Bacteria |
1. Eubacteria | ||
2. Archaebacteria | ||||
1. Protoctista Bacteria Algae Slime Molds Flagillate fungi True fungi Protozoa Sponges |
2. Protoctista Algae Slime molds Flagellate fungi Protozoa Sponges |
2. Protista Algae Slime molds Flagellate fungi Protozoa Sponges |
3. Protista | |
3. Fungi True fungi |
4. Fungi | |||
1. Plantae Bacteria Algae Slime molds Flagellate fungi True fungi Bryophytes Vascular plants |
2. Plantae Bryophytes Vascular plants |
3. Plantae Bryophytes Vascular plants |
4. Plantae Bryophytes Vascular plants |
5. Plantae |
2. Animalia Protozoa Sponges Multicellular animals |
3. Animalia Multicellular animals |
4. Animalia Multicellular animals |
5. Animalia Multicellular animals |
6. Animalia |
तो दोस्तों , आशा करता हूँ की इस लेख में दी गयी सभी जानकारी जैसे की — विभिन्न जगत् प्रणालियाँ ( Vibhinn jagat pranaaliyaan ) आदि प्रश्नों का उत्तर आपको अच्छे से समझ आ गया होगा । और यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है । तो हमें कमेंट्स करके जरुर बतायें हमें आपकी मदद करने में बहुत ख़ुशी होगी । धन्यवाद्…
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