इस आर्टिकल में वर्ण ( Characters ) से सम्बन्धित सभी जानकारी मिलेगी जैसे कि – वर्ण किसे कहते है? ( Varn kise kahate hai ) , प्रकार एवं उच्चारण स्थान आदि । तो चलिए आगे जानते है इन सभी प्रश्नों के बारे में ” उत्तर “।
विषय सूची
वर्ण किसे कहते है? ( What is Characters )
परिभाषा ( Definition ) — किसी भाषा की ऐसी इकाई जिसके खंड संभव न हो वर्ण कहलाती है ।
वर्णमाला ( Alphabet )
परिभाषा ( Definition ) — वर्णों का समूह वर्णमाला कहलाता है ।
हिंदी भाषा के वर्णमाला में 11 स्वरों और 33 व्यंजनों को मिलाकर कुल 44 वर्ण हैं । जिन्हें दो भागों में बाँटा जाता है I
( 1 ). स्वर
( 2 ). व्यंजन
( 1 ). स्वर ( Vowel )
परिभाषा ( Definition ) — वे ध्वनियाँ जिनके उच्चारण में वायु बिना किसी रुकावट मुख से बाहर निकलती है वह स्वर ( Vowel ) कहलाती हैं । हिंदी भाषा की वर्णमाला में कुल 11 स्वरों को शामिल किया जाता है । ‘ अ ‘ को छोड़कर प्रत्येक स्वर का एक मात्रा चिह्न होता है ।
स्वर के प्रकार ( Types of Vowels )
मात्रा के उच्चारण के आधार पर स्वर को 3 भागों में बाँटा जा सकता है —
( 1 ). ह्रस्व स्वर
( 2 ). दीर्घ स्वर
( 3 ). प्लुत स्वर
( 1 ). ह्रस्व स्वर ( Harswa Vowel )
परिभाषा ( Definition ) — जिन स्वरों के उच्चारण में केवल एक मात्रा का समय लगे यानी कम समय लगे ह्रस्व स्वर कहलाते हैं । ये संख्या में 4 हैं । जैसे की — अ , इ , उ , ऋ
( 2 ). दीर्घ स्वर ( Long Vowel )
परिभाषा ( Definition ) — जिन स्वरों के उच्चारण में दो मात्रा का समय लगे अर्थात् ह्रस्व स्वरों के मुकाबले दुगुना समय लगे वे दीर्घ स्वर कहलाते हैं । ये संख्या में 7 हैं । जैसे की — आ , ई , ऊ , ऐ , ओ , ओ , औ
( 3 ). प्लुत स्वर ( Plain Voice )
परिभाषा ( Definition ) — इनके उच्चारण में तीन मात्रा का समय लगता है । ये स्वर संस्कृत भाषा के अंतर्गत आते हैं । जैसे — ओ ३ म् , इसमें ओ की ध्वनि को तीन गुना बढ़ाया गया है । इसी प्रकार राइम , इसमें आ की ध्वनि को तीन गुणा बढ़ाया गया है ।
• अयोगवाह ( Unqualified )
परिभाषा ( Definition ) — अं और अ: इन दोनों को संयुक्त रूप से अयोगवाह कहा जाता है । हिंदी भाषा में स्वरों में इन दिनों का स्थान नहीं है लेंकिन संकृत में स्थान दिया जाता है । अं को अनुस्वार और अ: को विसर्ग कहा जाता है ।
( 2 ). व्यंजन ( Consonant )
परिभाषा ( Definition ) — व्यंजन वे ध्वनियाँ हैं जिनका स्वतंत्र उच्चारण संभव नहीं है इनके उच्चारण के लिए स्वरों की सहायता लेनी पड़ती है । प्रत्येक व्यंजन के उच्चारण में ‘ अ ‘ स्वर मिला होता है अ के बिना व्यंजनों का उच्चारण संभव नहीं है । मुख्य रूप से व्यंजनों की संख्या 33 मानी जाती है । लेंकिन उत्क्षिप्त व्यंजन ‘ ड़ , ढ ‘ को जोड़ने पर इसकी संख्या 35 हो जाती है ।
क-वर्ग | क | ख | ग | घ | ड· |
च-वर्ग | च | छ | ज | झ | ञ |
ट-वर्ग | ट | ठ | ड | ढ | ण |
त-वर्ग | त | थ | द | ध | न |
प-वर्ग | प | फ | ब | भ | म |
अंतस्थ | य | र | ल | व् | |
उष्म | श | ष | स | ह |
व्यंजन के प्रकार ( Types of Consonants )
उच्चारण के आधार पर व्यंजनों को 3 भागों में बाँटा जा सकता है ।
( 1 ). स्पर्श व्यंजन
( 2 ). अंतस्थ व्यंजन
( 3 ). ऊष्म व्यंजन
( 1 ). स्पर्श व्यंजन ( Touch consonants )
परिभाषा ( Definition ) — जिन व्यंजनों के उच्चारण में जिभ को मुख के किसी दुसरे अंगो से स्पर्श करता है तो उसे स्पर्श व्यंजन कहते है । जैसे की — ‘ क ‘ से ‘ म ‘ तक
( 2 ). अंतस्थ व्यंजन ( Inner consonants )
परिभाषा ( Definition ) — जिन व्यंजनों के उच्चारण में श्वास ( वायु ) का अवरोध कम होता है तो उन्हें अंतस्थ व्यंजन कहते हैं । जैसे की — य , र , ल , व्
( 3 ). ऊष्म व्यंजन ( Heat consonants )
परिभाषा ( Definition ) — घषर्ण के साथ गर्म हवा निकालने वाली वर्ण को उष्म व्यंजन कहते हैं । जैसे की — श , ष , स , ह
• उत्क्षिप्त व्यंजन
परिभाषा ( Definition ) — जिन वर्णों के उच्चारण के समय जीभ पहले ऊपर उठकर मूर्धा को स्पर्श करती है । और फिर एकदम निचे गिरती है उसे उत्क्षिप्त व्यंजन कहते हैं । जैसे की — ड़ , ढ़
• संयुक्त व्यंजन
परिभाषा ( Definition ) — क्ष , त्र , ज्ञ , व , ऋ यह संयुक्त व्यंजन है ।
• नासिक्य
परिभाषा ( Definition ) — प्रत्येक वर्ग का पांचवा वर्ग नासिक्य वर्ण कहलाता है । जैसे की — ड· , ञ , ण , न , म
उच्चारण स्थान ( Pronciation Location )
उच्चारण स्थान हिंदी भाषा में प्रत्येक ध्वनि के लिए स्वरतंत्री के हिसाब से एक निश्चित स्थान होता है । उसी स्थान को उच्चारण स्थान कहा जाता है । उच्चारण स्थान के आधार पर ध्वनियों को निम्न प्रकार से बाँटा जा सकता है —
कंठ्य ( कंठ ) — क ख ग घ ङ ह
मूर्धन्य ( मूर्धा ) — ट ठ ड ढ ण ड ढ तथा ष
वयं ( वंतमूल ) — स र ल
दंतोष्ठ्य ( दाँत व ओष्ठ ) — व फ़
तालव्य ( तालु ) — च छ ज झ ञ , य और श
वंत्य ( वाँत ) — त थ द ध न
ओष्ठ्य ( ओष्ठ ) — प फ ब भ म .
तो दोस्तों आशा करता हूँ की इस आर्टिकल में दी गयी सभी जानकारी जैसे की — वर्ण किसे कहते है? ( What is character ) , प्रकार एवं उच्चारण स्थान आदि प्रश्नों का उत्तर आपको अच्छे से समझ आ गया होगा । और यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है । तो हमें कमेंट्स करके जरुर बतायें हमें आपकी मदद करने में बहुत ख़ुशी होगी । धन्यवाद्…
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